वेब-सीरीज ‘मिर्जापुर’ के निर्माताओं और अमेजन प्राइम वीडियो की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर फिल्म की कहानी में अश्ली’लता दिखाने की बात कही है. कहा गया कि इस तरह के कंटेंट पर पाबंदी होनी चाहिए. यह याचिका एक वकील ने दायर की थी, जिसपर प्रतिक्रिया देते हुए कोर्ट ने मेकर्स को नोटिस जारी कर दिया है. कहा गया है कि मिर्जापुर वेब सीरीज में बीना त्रिपाठी के रोल की कड़ी निंदा की गई है. याचिका में विशेष रूप से रसिका दुगल के किरदार बीना के एक नौकर और उसके ससुर के साथ यौ’न संबंध होने पर आपत्ति जताई गई है.
दरअसल, सीरीज में बीना के अपने ही ससुर के साथ शारीरि’क सबंध दिखाए गए हैं. इसके अलावा बीना के नौकर के साथ भी यौ’न संबंध दिखाए है. मिर्जापुर के ही रहने वाले याचिकाकर्ता ने कहा है कि जिले के नाम पर इस तरह की भद्दी और बेशर्म चीजें दिखाना मिर्जापुर की लगभग 30 लाख आबादी का अपमान है. अदालत से यह अनुरोध भी किया गया है कि किसी भी जगह के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्यों को गलत तरीके से दिखाने पर रोक लगाने के लिए सख्त दिशानिर्देश बनाए जाना चाहिए.
‘मिर्जापुर’ के मेकर्स और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म को ये नोटिस चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने भेजा है. वकील बिनय कुमार दास के माध्यम से सुजीत कुमार सिंह ने याचिका दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने कड़ा रुख दिखाते हुए नोटिस भेज दिया. इससे पहले भी कई वेब सीरीज पर ऐसे सवाल उठाए जा चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट से ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए सख्त कानून बनाने की मांग तेज होती जा रही है.
इससे पहले मिर्जापुर जिले में वेब सीरीज निर्माता और प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है. अरविंद चतुर्वेदी नाम के शख्स ने सीरीज पर धार्मिक, सामाजिक और क्षेत्रीय भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया था. इस मामले की जांच के लिए पुलिस की एक टीम मुंबई भी गई थी. इसके अलावा कुछ दिनों पहले मिर्जापुर के एक युवक ने दावा किया था कि उसे वेब सीरीज की वजह से नौकरी गंवानी पड़ी. जब उसने इंटरव्यू के दौरान अपने जिले का नाम बताया, तो खराब छवि के चलते उसे अपमानित करके बाहर निकाल दिया गया.