कोरोना वायरस के कारण लोगों की जिंदगी एक दम रुक सी गई है। लाॅकडाउन के कारण सबसे ज्यादा असर प्रवासी मजदूरों पर पड़ा। लेकिन सोनू सूद मुंबई और दूसरे शहरों में फंसे लोगों के लिए मसीहा बनकर सामने आए। वह बीते 1 महीने से लगातार लोगों को उनके घर भेजने की कोशिश में जुटे हैं। इसके लिए बस, ट्रेन और यहां तक की प्लेन तक से अपने खर्च पर सोनू लोगों को उनके घर भेज रहे हैं। लेकिन रविवार को अचानक सोनू एक बात से बहुत नाराज हो गए।

दरअसल. इतना नेक काम कर रहे सोनू सूद को कुछ लोग परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं। पहले वे एक्टर से ट्विटर पर मदद मांगते हैं और उसके बाद खुद ही गायब हो जाते हैं। इससे सोनू और उनकी टीम को बहुत दिक्कत हो रही।

इन सबके बाद सोनू ने ट्वीट कर कहा-‘ लोगों से अनुरोध है कि वही मदद मांगे जिनको जरूरत है। ऐसा देखा गया है कि पहले लोग ट्वीट कर मदद मांगते और बाद में उसे डिलीट कर देते हैं, ये साबित करता है कि वो फेक हैं। यह हमारे ऑपरेशन को बाधित करता है और वास्तविक जरूरतमंदों को प्रभावित करेगा। तो कृपया उन लोगों के बारे में सोचें, जिन्हें आवश्यकता है।’

बता दें कि पूर्व पत्रकार और माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिकता विश्वविद्यालय में प्रोफेसर सर दिलीप मंडल ने इन ट्वीट को लेकर शक जताया है। उन्होंने कई स्क्रीनशॉट्स शेयर करते हुए लिखा- ‘सोनू सूद ने ट्विटर पर जिन आईडी के ट्वीट के जवाब में मदद की और घर पहुंचने पर जिन आईडी ने थैंक्स ट्वीट किया, उनमें ज्यादातर आईडी अपना पोस्ट डिलीट कर चुकी हैं। ये लोग थे या सिर्फ आईडी थे? सोनू के इमेज मैनेजर उनके वॉल की सफाई करें, उससे पहले सारे स्क्रीन शॉट ले लीजिए।’

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